विद्यालय आवंटन न होने का बहुत बड़ा कारण
12460 teacher विद्यालय आवंटन न होने का बहुत बड़ा कारण माना जा सकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में नई-नई याचिकाओं का लिस्ट होना। जबकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रदेश सरकार ने साफ-साफ कहा है कि जिन अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र मिल गया है उनको विद्यालय जरूर मिलेगा जिस पर काम चल रहा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में इस याचिका की अगली सुनवाई 11 मार्च को है।
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयो मे 12460 teacher 6470 रिक्त पदो को भरने के लिए सात साल तक कोर्ट मे लड़ाई लड़ने वाले बेरोजगारो की मुश्किले रोज नई-नई याचिका लगने के कारण कम होती नजर नही आ रही है।
यूपी परिषदीय प्राथमिक स्कूलो मे 12460 teacher भर्ती के जरिए 6470 रिक्त पदो को भरने के लिए 7 साल तक कोर्ट मे लंबी लड़ाई लड़ने वाले बेरोजगारो की परेशानियां दूर होने के आसार नजर नही आ रहे है। इन उम्मीदवारों के शैक्षणिक रिकॉर्ड की समीक्षा के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 29 दिसंबर और 7 जनवरी को दो चरणो मे नियुक्ति पत्र भेजे जाने के 24 घंटे बाद नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी। सुप्रीम कोर्ट ने अर्चना राय की अंतिम फाइलिंग पर सोमवार को सुनवाई निर्धारित की है। इस भर्ती में यथास्थिति बरकरार रखते हुए सुनवाई की तारीख 2 फरवरी को होनी थी
12460 teacher जिनके परिणामस्वरूप, प्राथमिक विद्यालयों में विशेष शिक्षकों को नियुक्त करने की प्रक्रिया रुक गई है। 1981 के शिक्षक भर्ती नियमों में एक खंड शामिल था जिसमें कहा गया था कि केवल उसी जिले के प्रशिक्षुओं को नियुक्त किया जाएगा जहां आवेदक ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। बहरहाल, 2018 में, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने एक परिपत्र जारी कर अन्य जिलों के उम्मीदवारों को आवेदन करने की अनुमति दी, जिनके पास कोई रिक्त पद नहीं है। इसके खिलाफ अर्चना राय ने याचिका दायर की थी हालाँकि, लखनऊ उच्च न्यायालय की डबल बेंच के नवंबर के निर्देश के अनुसार नियुक्ति शुरू हुई। कुछ जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अपने कार्यालयों का नेतृत्व करने के लिए शिक्षकों को नियुक्त भी किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पोस्टिंग प्रक्रिया रोक दी थी।
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Note – माननीय सर्वोच्च न्यायालय में इस याचिका की अगली सुनवाई 11 मार्च को है।